
Subhadra Yojana: राखी पूर्णिमा पर ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा सशक्तीकरण का बढ़ावा ओडिशा में उत्साह का माहौल है क्योंकि राज्य सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी कर रही है। 9 अगस्त, 2025 को जारी होने वाली बहुप्रतीक्षित सुभद्रा योजना की तीसरी किस्त राखी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर बिल्कुल सही समय पर जारी की गई है।
सरकार का यह हृदयस्पर्शी कदम राज्य भर की अनगिनत महिलाओं को एक वित्तीय आधार प्रदान करने का वादा करता है, जिससे उन्हें अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने और अपने परिवारों और समुदायों में और भी अधिक सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाया जा सकेगा। सुभद्रा योजना का उद्देश्य उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देना, उनमें आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें अपने भविष्य के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम बनाना है।
राखी पूर्णिमा के त्यौहार के दौरान इस योजना को जारी करने का समय इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है, जो ओडिशा की महिलाओं के लिए सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे सुरक्षा और समर्थन के बंधन का प्रतीक है। जहाँ एक ओर परिवार इस प्रिय त्यौहार का जश्न मना रहे हैं
ख़ुशी की बात ये भी है कि इसी दिन, यानि 9 अगस्त को ही, सुभद्रा योजना के लिए नए आवेदन भी खोले जाएंगे। इसका मतलब है कि जो महिलाएं पहले इस योजना का लाभ नहीं उठा पाईं, उन्हें अब एक और मौका मिलेगा।
यह वितरण कार्यक्रम, जो संभवतः कोरापुट जिले में आयोजित किया जाएगा, राज्य भर की करोड़ों महिलाओं तक अपनी पहुँच बनाएगा। इस योजना का उद्देश्य हर पात्र महिला तक आर्थिक सहायता पहुँचाना है।
कौन कर सकता है आवेदन? योजना पोर्टल फिर से खुलेगा!
9 अगस्त को तीसरी किश्त के वितरण के साथ ही, सुभद्रा योजना का ऑनलाइन पोर्टल एक बार फिर उन महिलाओं के लिए खुल जाएगा जो नए सिरे से आवेदन करना चाहती हैं। विशेष रूप से, जो महिलाएं हाल ही में 21 वर्ष की हुई हैं, या किसी कारणवश पहले इस योजना के लिए पात्र नहीं थीं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी पात्र महिला इस योजना के लाभ से वंचित न रहे।
पुनर्मूल्यांकन और एक और मौका!
उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा के अनुसार, सरकार लगभग 2 लाख उन महिलाओं के मामलों का पुनर्मूल्यांकन करेगी जिन्हें पहले अपात्र घोषित कर दिया गया था। इसके लिए एक नया सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा। यदि पुनर्मूल्यांकन में ये महिलाएं योग्य पाई जाती हैं, तो उन्हें उनकी पिछली सभी लंबित किश्तें एक साथ दी जाएंगी! यह दर्शाता है कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सही व्यक्ति को योजना का लाभ मिले।
इसके अतिरिक्त, 60 वर्ष से अधिक आयु की लगभग 93,000 महिलाओं को इस योजना से हटा दिया गया है। इन महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा और पेंशन योजनाओं में शामिल किया जाएगा। सरकार सुनिश्चित कर रही है कि हर व्यक्ति को उसकी आवश्यकतानुसार सहायता मिले।
सुभद्रा योजना: एक नज़र
ओडिशा सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन, 17 सितंबर, 2024 को एक नई पहल की शुरुआत की है – सुभद्रा योजना। यह योजना राज्य की महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है। सुभद्रा योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक अवसर है, जो ओडिशा की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत, योग्य महिलाओं को अगले पांच सालों तक, यानी 2024-25 से लेकर 2028-29 तक, कुल ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह सहायता महिलाओं को अपने सपनों को साकार करने, छोटे व्यवसाय शुरू करने या अपनी वर्तमान आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होगी।
यह सहायता हर साल ₹10,000 के रूप में दी जाती है, जिसे ₹5,000 की दो किश्तों में वितरित किया जाता है। पहली किश्त राखी पूर्णिमा (9 अगस्त) को जारी की जाती है, और दूसरी किश्त अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) को।
पात्रता और नियम
अब सवाल उठता है कि इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है? सुभद्रा योजना का लाभ उठाने के लिए, आवेदिका की आयु 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसके साथ ही, उनकी वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम होनी
हालांकि, कुछ मामलों में महिलाओं को अयोग्य भी घोषित किया गया है। ये वो महिलाएं हैं जिनके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है, निजी वाहन हैं, या जो आयकर रिटर्न दाखिल करती हैं।